कलेक्टर की अध्यक्षता में स्वास्थ्य एवं महिला-बाल विकास विभाग की संयुक्त समीक्षा बैठक संपन्न
जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता एवं मातृ-शिशु स्वास्थ्य सूचकांकों में सुधार लाने के उद्देश्य से कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में कलेक्टर की अध्यक्षता में स्वास्थ्य एवं महिला-बाल विकास विभाग की संयुक्त समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
बैठक में एएनसी पंजीयन की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई। जिले में अब तक 75 प्रतिशत पंजीयन हुआ है, जबकि चौरई, छिंदवाड़ा अर्बन एवं ग्रामीण तथा परासिया में कम पंजीयन मिलने पर कलेक्टर ने नाराज़गी व्यक्त की। उन्होंने निर्देश दिए कि आगामी डीएचएस बैठक में इन विकासखंडों में प्रगति अनिवार्य रूप से प्रस्तुत की जाए। कम डिलीवरी वाले प्रसव केंद्रों में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप संस्थागत प्रसव सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए।
कलेक्टर ने कहा कि सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में ओपीडी का समय पूरी अनुशासन से पालन किया जाए। बीएमओ को निर्देशित किया गया कि वे नियमित मॉनीटरिंग करें और स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित करें। संस्थागत प्रसव की समीक्षा में बताया गया कि जिले में 96 प्रतिशत प्रसव स्वास्थ्य संस्थाओं में हुए हैं। तामिया, जुन्नारदेव, छिंदवाड़ा रूरल और अर्बन में कम उपलब्धि मिलने पर सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए गए। तामिया में अधिक होम डिलीवरी पर कलेक्टर ने कड़ी नाराज़गी व्यक्त करते हुए मैदानी स्टाफ से कारणों की समीक्षा कर शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव सुनिश्चित करने को कहा।
कलेक्टर ने कहा कि सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में ओपीडी का समय पूरी अनुशासन से पालन किया जाए। बीएमओ को निर्देशित किया गया कि वे नियमित मॉनीटरिंग करें और स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित करें। संस्थागत प्रसव की समीक्षा में बताया गया कि जिले में 96 प्रतिशत प्रसव स्वास्थ्य संस्थाओं में हुए हैं। तामिया, जुन्नारदेव, छिंदवाड़ा रूरल और अर्बन में कम उपलब्धि मिलने पर सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए गए। तामिया में अधिक होम डिलीवरी पर कलेक्टर ने कड़ी नाराज़गी व्यक्त करते हुए मैदानी स्टाफ से कारणों की समीक्षा कर शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव सुनिश्चित करने को कहा।
स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सकों की कमी को देखते हुए कलेक्टर ने निर्देशित किया कि जिन विकासखंडों में चिकित्सकों की संख्या अधिक है, वहां से निकटतम क्षेत्रों में रोस्टर के माध्यम से ड्यूटी लगाई जाए। आयुष चिकित्सा अधिकारियों को ओपीडी में तैनात करने के निर्देश भी दिए गए हैं। मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम के सूचकांकों की समीक्षा आगामी जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। मातृ मृत्यु (एमडीआर) के मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर संबंधित स्टाफ पर कार्रवाई करने के निर्देश कलेक्टर द्वारा स्पष्ट रूप से दिए गए।
सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत ग्राम-वाइज एएनसी सूची बीएमओ के पास उपलब्ध रखने और अगली बैठक में एएनसी की महावर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। आशा कार्यकर्ताओं के कमजोर प्रदर्शन पर बीसीएम को जिम्मेदार ठहराते हुए सुधारात्मक कदम उठाने को कहा गया। टीकाकरण कार्यक्रम में तामिया, जामई और बिछुआ की प्रगति कम रहने पर जागरूकता कार्यक्रम, दीवार लेखन तथा आईईसी गतिविधियों के माध्यम से लक्ष्य पूर्ति का निर्देश दिया गया।
एनआरसी कार्यक्रम के अंतर्गत सभी कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराने की जिम्मेदारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दी गई तथा बीएमओ को सतत निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए। शिशु मृत्यु (सीडीआर) एवं आईएमआर की मासिक समीक्षा जिला टीकाकरण अधिकारी द्वारा अनिवार्य रूप से किए जाने के निर्देश दिए गए।
एनसीडी कार्यक्रम की प्रगति धीमी रहने पर जिला नोडल अधिकारी एवं सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों से कठोरता से सुधार लाने को कहा गया। आरबीएसके के अंतर्गत स्क्रीनिंग कार्य संतोषजनक पाया गया, लेकिन सर्जरी कम होने पर कलेक्टर ने नोडल अधिकारी को रोग-वार जानकारी संकलित कर सुधारात्मक योजना प्रस्तुत करने को कहा। परिवार कल्याण कार्यक्रम में कम प्रतिशत उपलब्धि पर अधिक से अधिक नसबंदी कैंप लगाने के निर्देश दिए गए।
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम में फूड बास्केट वितरण कार्य कम पाया गया, जिस पर मोहखेड़, अमरवाड़ा और परासिया के स्टाफ के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए। सिकल सेल कार्यक्रम, मलेरिया नियंत्रण तथा डेंगू उपचार में संबंधित अधिकारियों को प्रगति सुधारने की हिदायत दी गई। अंधत्व निवारण कार्यक्रम में 17,000 के लक्ष्य के विरुद्ध 8,163 उपलब्धि होने पर शेष लक्ष्य को कैंप लगाकर पूरा करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, जिला टीकाकरण अधिकारी, जिला क्षय अधिकारी, जिला मलेरिया अधिकारी, समस्त बीएमओ, बीपीएम, बीसीएम, महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी, परियोजना अधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
