बी.एल.ओ. सहायक नियुक्ति के आदेश के विरोध में ग्राम रोजगार सहायकों ने सौंपा ज्ञापन
परासिया।
म.प्र. ग्राम रोजगार सहायक संगठन, जनपद पंचायत परासिया के ग्राम रोजगार सहायकों ने आज मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत परासिया तथा अनुविभागीय एवं निर्वाचन अधिकारी परासिया को बी.एल.ओ. सहायक के रूप में नियुक्त किए जाने संबंधी आदेश के विरोध में ज्ञापन सौंपा।
संगठन के बाला सातनकर ने बताया कि हाल ही में जारी आदेश के अनुसार ग्राम रोजगार सहायकों को निर्वाचन कार्य हेतु बी.एल.ओ. सहायक के रूप में नियुक्त किया गया है, जबकि वे पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधीन मनरेगा योजना के संविदा कर्मी हैं।
रोजगार सहायकों ने कहा कि निर्वाचन कार्य भारत निर्वाचन आयोग की स्वतंत्र प्रशासनिक इकाई के अधीन आता है, जो पंचायत विभाग के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। ऐसे में उन्हें निर्वाचन कार्य में लगाया जाना विभागीय दायरे से परे है।
संगठन ने अपने ज्ञापन में म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद, भोपाल के आदेश क्रमांक 5123/22/स.प्र./13 दिनांक 12 जून 2013 का उल्लेख करते हुए बताया कि उक्त आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि “ग्राम रोजगार सहायकों को निर्वाचन अथवा अन्य विभागीय कार्यों में संलग्न नहीं किया जाएगा।”
रोजगार सहायकों का कहना है कि बी.एल.ओ. सहायक का कार्य तकनीकी रूप से जटिल एवं समय-साध्य है, जिससे उनके नियमित मनरेगा एवं पंचायत विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है। इससे ग्राम पंचायत स्तर पर विकास कार्यों की गति प्रभावित होती है।
संगठन ने अपने ज्ञापन में सविनय निवेदन किया है कि
“ग्राम रोजगार सहायकों को या तो उनके मूल विभागीय कार्यों (मनरेगा, पंचायत, ग्रामीण विकास आदि) से मुक्त कर निर्वाचन कार्य में पूर्णकालिक रूप से संलग्न किया जाए, अथवा उन्हें निर्वाचन कार्य से पूर्णतः मुक्त रखा जाए, ताकि उनके विभागीय दायित्व एवं ग्रामीण विकास कार्य सुचारु रूप से संचालित हो सकें।”
संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि इस विषय पर प्रशासन द्वारा उचित निर्णय नहीं लिया गया, तो ग्राम रोजगार सहायकों द्वारा सामूहिक रूप से विरोध दर्ज कराने, उच्च स्तर पर निवेदन प्रस्तुत करने एवं आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
