कलेक्टर ने ली स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग की संयुक्त समीक्षा बैठक
दोनों विभागों को मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के लिए बेहतर आपसी समन्वय में रहकर कार्य करने के निर्देश दिए
डीएचओ को फील्ड में सक्रिय रहकर समुचित मॉनिटरिंग रखने और कार्यशैली सुधारने की सख्त हिदायत दी
सीवियर एनीमिक महिलाओं के सामान्य स्थिति में आने तक रखें पूरी नजर, यह भी सुनिश्चित हो दोबारा एनीमिक न हो
सीएमएचओ और डीपीओ महिला बाल विकास को भी फील्ड में भ्रमण करने और चौपाल लगाकर ग्रामीणों से फीडबैक लेने के निर्देश
कलेक्टर द्वारा आज कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त समीक्षा बैठक ली गई। जिसमें पिछली बैठक में दिए गए निर्देशों के पालन प्रतिवेदन एवं अन्य निर्धारित एजेंडा बिंदुओं की विस्तृत समीक्षा की गई। कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों और फील्ड अमले को मातृ एवं शिशुओं के उत्तम स्वास्थ्य के लिए बेहतर आपसी समन्वय में रहकर कार्य करने एवं सभी शासकीय कार्यक्रमों, अभियानों का जिले में बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
फील्ड में सक्रिय रहें सीएमएचओ, डीपीओ – कलेक्टर ने सीएमएचओ एवं महिला बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी को टूर डायरी तैयार करते हुए हर सप्ताह कम से कम 3 विकासखंडों के ग्रामों और आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय में रहकर जमीनी हकीकत नहीं जानी जा सकती है। सीएमएचओ फील्ड विजिट के दौरान ग्रामों में चौपाल लगाकर स्वास्थ्य सुविधाओं, टीकाकरण आदि के संबंध में ग्रामीणों से फीडबैक लें। पता करें कि जिन स्वास्थ्य कर्मियों को ग्राम में ही निवास करना चाहिए वे वहां रह रहे हैं या नहीं। लापरवाहों पर कार्यवाही सुनिश्चित करें।
डीएचओ को भी फील्ड भ्रमण और कार्यशैली सुधारने की हिदायत – कलेक्टर ने गर्भवती महिलाओं के ए.एन.सी पंजीयन और जांच की समीक्षा के दौरान गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष कुछ विकासखंडों में ए.एन.सी. रजिस्ट्रेशन कम पाए जाने और सुरक्षित मातृत्व अभियान पर पूरी नजर नहीं रखने पर नाराजगी जताई और जिला स्वास्थ्य अधिकारी को अपनी कार्यशैली सुधारने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि जब तक गर्भवती महिलाओं का समय पर चिन्हांकन और सभी जांचें समय पर सुनिश्चित नहीं होंगी, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी अपने दायित्व की गंभीरता को पूरी जवाबदारी से समझते हुए कार्य करें, फील्ड में घूमना और समुचित मॉनिटरिंग करना शुरू कर दें। उन्होंने अगली बैठक में उन्हें टूर डायरी के साथ उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं।
एनीमिक महिलाओं की हो समुचित मॉनिटरिंग, परासिया टीम के प्रयासों को सराहा – कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि मातृ मृत्यु की घटनाओं को रोकने के लिए हाई रिस्क एवं सीवियर एनीमिक महिलाओं की शुरुआत से ही समुचित मॉनिटरिंग और उपचार आवश्यक है। उन्होंने परासिया ब्लॉक की एक गर्भवती महिला का उदाहरण देते हुए कहा कि उस महिला का हीमोग्लोबिन 2.8 ग्राम पाया गया था, बीएमओ व स्वास्थ्य विभाग की टीम के प्रयासों, समय पर विशेष निगरानी, देखभाल, जांच व उपचार से अब उसका हीमोग्लोबिन 8 ग्राम से ऊपर पहुंच गया है। अभी भी उसे निगरानी में रखा जा रहा है, जिससे प्रसव पूर्व तक यह 10 से ऊपर पहुंच जाए। इसी तरह सभी बीएमओ और टीम हर एक गर्भवती महिला की पूरी केस स्टडी रखेगी और समय पर कार्यवाही करेगी तो जिले में मातृ मृत्यु को शून्य किया जा सकता है। यह भी ध्यान रखा जाए कि सीवियर एनीमिक महिला के मॉडरेट व उसके बाद सामान्य में आने के बाद भी पूरी निगरानी रखी जाए, जिससे वह वापस सीवियर में न पहुंचे। उन्होंने शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव के लिए प्रसव पूर्व से ही परिजनों से सतत् सम्पर्क में रहने और उन्हें समझाइश देने के निर्देश दिए।
बैठक में टीकाकरण, पोषण पुनर्वास केंद्रों व जिला अस्पताल के एस.एन.सी.यू. के संचालन, असंचारी रोगों हाइपरटेंशन, शुगर की जांच के लिए चलाए जा रहे अभियान में प्रगति आदि की भी समीक्षा की और जांचें बढ़ाते हुए शत-प्रतिशत लक्ष्य पूर्ति के निर्देश दिए।
