कांग्रेस ने चुनाव आयोग को दो टूक जवाब देते हुए कहा है कि हमारी मांगों को टालना बंद करें! महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव में कथित गड़बड़ियों पर पार्टी ने मतदाता सूची और वीडियो फुटेज की मांग दोहराई। इसने साफ़ किया है कि पहले इसकी मांग पूरी होगी तभी पार्टी के नेता चुनाव आयोग के साथ बैठक को तैयार होंगे।
दरअसल, कांग्रेस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में कथित अनियमितताओं को लेकर चुनाव आयोग को एक कड़ा पत्र लिखा है। यह पत्र लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को ईसीआई द्वारा भेजे गए पत्र के जवाब में है, जिसमें आयोग ने राहुल गांधी से महाराष्ट्र और हरियाणा चुनावों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए बैठक का प्रस्ताव दिया था। कांग्रेस ने अपने जवाब में साफ़ किया है कि आयोग का उनकी मांगों को टालना ठीक नहीं है और मशीन से पढ़ी जाने योग्य मतदाता सूची, डिजिटल कॉपी तथा मतदान के दिन की वीडियो फुटेज उपलब्ध कराने की मांग को दोहराया। पार्टी ने यह भी कहा कि वह इन दस्तावेजों को पाने के बाद चुनाव आयोग के साथ बैठक करने और अपने विश्लेषण के निष्कर्ष देने को तैयार है।
कांग्रेस ने अपने पत्र में कहा है कि ये जानकारियाँ इस पत्र की तारीख़ से एक सप्ताह के भीतर दें। इसने कहा है, ‘यह एक लंबे समय से चली आ रही मांग है, जिसका पालन करना चुनाव आयोग के लिए आसान होना चाहिए। कांग्रेस का नेतृत्व इन दस्तावेजों को पाने के बाद जल्द ही चुनाव आयोग के साथ बैठक करने के लिए तैयार है।’
पार्टी ने चुनाव आयोग के रवैये को रहस्यमयी और हैरान करने वाला क़रार देते हुए कहा कि आयोग ने उनकी मांगों को प्रक्रियात्मक बहानों के साथ टालने की कोशिश की है। कांग्रेस ने जोर देकर कहा कि मतदाता सूचियों और मतदान फुटेज की पारदर्शी उपलब्धता ही चुनावी प्रक्रिया में जनता का विश्वास बनाए रख सकती है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 और हरियाणा विधानसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन को उम्मीद के मुताबिक़ सफलता नहीं मिली। इसके बाद कांग्रेस ने मतदाता सूचियों में असामान्य वृद्धि और मतदान प्रक्रिया में कथित गड़बड़ियों का आरोप लगाया। पार्टी ने दावा किया कि महाराष्ट्र के कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता संख्या में 8% की असामान्य वृद्धि दर्ज की गई, जो संदेहास्पद है। कांग्रेस ने हरियाणा और महाराष्ट्र के मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी फुटेज में कथित हेरफेर और मतदाता सूचियों में गड़बड़ियों के आरोप भी लगाए हैं।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग को एक सप्ताह का समय दिया है ताकि वह मांगी गई मतदाता सूचियाँ और वीडियो फुटेज उपलब्ध कराए। पार्टी ने कहा कि यदि ये दस्तावेज मिल जाते हैं तो वह अपने विश्लेषण के निष्कर्षों के साथ चुनाव आयोग के सामने विस्तृत चर्चा के लिए तैयार होगी।
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने एक्स पर लिखा, ‘कांग्रेस पार्टी चुनाव आयोग के साथ बैठक करने को तैयार है, लेकिन पहले हमें वह डेटा चाहिए जो हम मांग रहे हैं। हम अपने विश्लेषण के निष्कर्ष पेश करेंगे।’
कांग्रेस का कहना है कि मतदाता सूचियों और मतदान फुटेज की जांच से ही सच्चाई सामने आएगी। यह मामला न केवल चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है, बल्कि भारतीय लोकतंत्र में चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता के महत्व को भी रेखांकित करता है। आने वाले दिनों में चुनाव आयोग का जवाब और कांग्रेस की अगली रणनीति इस मामले को और गति दे सकती है।