उनका फाइनल में सामना एक ऐसे कप्तान से होने जा रहा है, जिनके लिए फ़ाइनल में खेलना आदत सी है.
श्रेयस अय्यर ने पिछले पांच सालों में तीन टीमों-केकेआर, दिल्ली कैपिटल्स और अब पंजाब किंग्स को फ़ाइनल में पहुंचाया है. इसमें भी वह पिछले साल केकेआर को चैंपियन बना चुके हैं.
आरसीबी के बाद पंजाब किंग्स के फाइनल में पहुंचने से इतना तो तय हो गया है कि इस बार आईपीएल को नया चैंपियन मिलने वाला है.
आरसीबी चौथी बार फ़ाइनल में है. यह टीम 2009, 2011 और 2016 में उपविजेता रह चुकी है. वहीं पंजाब किंग्स ने सिर्फ एक बार 2014 में फाइनल खेला है, उस समय वह किंग्स इलेवन पंजाब के नाम से खेला करती थी और फाइनल में केकेआर से हार गई थी.
आरसीबी हो या पंजाब किंग्स दोनों के पास ही विराट कोहली और श्रेयस अय्यर के अलावा कुछ अच्छे मैच विनर हैं, पर फिर भी इस मैच को इन दोनों खिलाड़ियों के मुकाबले के तौर पर ही देखा जा रहा है.
असल में इन दोनों को अपनी टीमों की रीढ़ माना जाता है और इनके विकेट पर टिकने से मैच के मायने ही बदल जाते हैं.
विराट कोहली को आईपीएल में हमेशा ही अच्छा प्रदर्शन करने के लिए जाना जाता है और वह इस बार भी टीम के लिए सबसे ज्यादा 614 रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं.
हालांकि, इस बार विराट का सहयोग करने वाले बल्लेबाजों में फिल साल्ट, कप्तान रजत पाटीदार, मयंक अग्रवाल और जितेश शर्मा भी शामिल हैं.
विराट को इन बल्लेबाजों का सहयोग मिलने का ही परिणाम है कि आरसीबी इस बार चैंपियनों की तरह खेली है. घर से बाहर तो वह अजेय बनी हुई है और फ़ाइनल घर से बाहर अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में हो रहा है, तो उनके अजेय रथ पर नकेल डाली जा सकेगी या नहीं, यह देखने वाला होगा.
श्रेयस अय्यर को बड़े मैचों का खिलाड़ी माना जाता है और इस बात को वह क्वालीफायर-2 में मुंबई इंडियंस के ख़िलाफ़ खेली पारी से साबित भी कर चुके हैं.
उन्होंने पंजाब किंग्स की टूटती उम्मीदों को अपनी 41 गेंदों में खेली गई 87 रनों की पारी से जीत में बदल दिया था.
श्रेयस ने इस पारी के दौरान दिखाया था कि वह ज़रूरत पड़ने पर आक्रामक अंदाज़ भी अपना सकते हैं, यह बात उन्होंने आठ छक्के लगाकर साबित कर दी.
श्रेयस भी विराट की तरह इस सीजन में लगातार रन बना रहे हैं. वह अब तक छह अर्धशतकों से 603 रन बना चुके हैं. उनका औसत भी विराट के आसपास वाला 54.81 है. असल में इस सीजन में विराट और श्रेयस रन बनाने के मामले में पांचवें और छठे स्थान पर हैं.
अय्यर लगातार दूसरा खिताब जीतने की दहलीज़ पर खड़े हैं. वह पिछले साल केकेआर के कप्तान रहते चैंपियन बन चुके हैं. वह अकेले कप्तान हैं, जो तीन अलग-अलग टीमों को फाइनल में पहुंचा चुके हैं.