पात्र शासकीय कर्मचारियों को ड्राइव चलाकर बैंक समन्वय कर कल्याणकारी योजनाओं से जोडें
कलेक्टर बैंकों को योजनाओं के केसों को प्रेषित कर शीघ्र स्वीकृत करने के दिए निर्देश
निरस्त केसों में कमी पूर्ति करें और तुरन्त प्रकरणों को स्वीकृत करें
जिला स्तरीय बैंकिंग समीक्षाएं संपन्न, योजनाओं की समयबद्ध पूर्ति पर जोर
कलेक्टर श्री पार्थ जैसवाल की अध्यक्षता में मंगलवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में डीएलसीसी, डीएलआरसी एवं डीएलएमसी की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में विभिन्न योजनाओं के लक्ष्य और उनकी पूर्ति पर गहन चर्चा की गई। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्रीमती तपस्या परिहार, आरबीआई के अधिकारी, एलडीएम और जिले के बैंकर्स सहित सीएमओ और विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में मुख्य रूप बिंदुओं पर ऋण जमा अनुपात (सीडी रेसियो) और इसे बढ़ाने के उपायों, पीएचईजीपी एवं एमएमयूकेवाय के लक्ष्यों की पूर्ति और आगामी योजनाओं, खादी ग्राम एवं उद्योग बोर्ड के लक्ष्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक कदम, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के प्रकारों की स्वीकृति और उनकी कार्यान्वयन प्रक्रिया, अजीविका मिशन के तहत स्वरोज़गार क्रेडिट योजना, एसएचजी के बचत खाते खोलने और क्रेडिट लिंकिंग के लक्ष्य, पशुपालन विभाग के लक्ष्यों की पूर्ति, जनजाति विभाग के लक्ष्यों और उनकी पूर्ति की स्थिति, कृषि विभाग के लक्ष्यों, अल्पसंख्यक विभाग के लक्ष्यों की स्थिति, एआईएफ (आर्थिक सुधार फंड) की प्रस्तुति, आरएसईटीआई प्रशिक्षण केंद्र की जानकारी और आगामी कार्यक्रमों की योजनाओं, एनपीए और आरटीसी की वसूली की स्थिति, सीएमएम हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों का समाधान आदि बिन्दुओं की समीक्षा की गई।
कलेक्टर श्री जैसवाल ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजनाओं के लक्ष्यों की शीघ्र पूर्ति सुनिश्चित की जाए और निर्धारित समय सीमा में सभी कार्य पूर्ण किए जाएं। उन्होंने प्रत्येक विभाग को अपनी रिपोर्ट तैयार करने और आगामी बैठक में उसकी प्रगति प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
इसके अलावा आर्थिक सुधार फंड की प्रस्तुति, आरएसईटीआई प्रशिक्षण केंद्र की जानकारी, एनपीए और आरटीसी की वसूली की स्थिति और सीएमए हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों के समाधान पर भी चर्चा की गई। कलेक्टर ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे योजनाओं के लक्ष्यों की शीघ्र पूर्ति सुनिश्चित करें और सभी कार्य निर्धारित समय सीमा के भीतर पूर्ण करें। उन्होंने यह भी कहा कि हर विभाग को अपनी रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए और आगामी बैठक में प्रगति प्रस्तुत करनी चाहिए।
निजी बैंक अनिवार्य रूप से डीएलसीसी बैठक में भाग लें
कलेक्टर ने बैकों को विभिन्न योजनाओं के आवेदकों के लंबित प्रकरणों शीघ्र डिस्वर्स करने के लिए कहा और कहा कि उचित कारण दर्ज न होने पर अस्वीकृत किए गए प्रकरणों को पुनः भेजा जाएगा। उन्होंने पीएमएफएमई योजना के निरस्त केसों में कमी पूर्ति करने और प्रकरणों को शीर्घ सेंक्सन करने के लिए कहा।
कलेक्टर श्री जैसवाल ने सभी बैंकर्स से कहा कि ड्राइव चलागर ग्राम पंचायतों के जीआरएस, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पटवारी आदि को पीएम अटल पेंशन योजना, पीएमएसबीवाई, पीएमजेजेबीवाई के तहत उनको पात्रता के अनुसार पंजीकृत किया जाए। कलेक्टर ने बैंकों को जिला प्रशासन के साथ समन्वय में काम करने के लिए भी कहा।
प्राइवेट बैंकों को निर्देशत किया कि वे डीएलसीसी में भाग लें और इसे किसी भी हालत में न छोड़ें। साथ ही बैंकों से पीएम अटल पेंशन योजना, पीएमएसबीवाई और पीएमजेजेबीवाई जैसी कल्याणकारी योजनाओं में अधिक योगदान देने की अपेक्षा की गई है।
हितग्राहियों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए करें प्रेरित
केसीसी के आवेदनों को शीघ्रातिशीघ्र पूर्ण कराकर पोर्टल्स पर दर्ज कराएं
कलेक्टर ने सभी संबंधित विभागों जैसे मछली पालन, पशुपालन, कृषि आदि को निर्देशित किया है कि वे अधिक से अधिक हितग्राहियों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए प्रेरित करें तथा आगामी एक माह के भीतर योजनाओं के लिए आवेदन प्रस्तुत करें। विशेष रूप से सभी लंबित केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) आवेदनों को शीघ्रातिशीघ्र पूर्ण कराकर संबंधित पोर्टल्स पर जमा किया जाए, ताकि पात्र नागरिक समय पर इनका लाभ प्राप्त कर सकें।
निजी निवेश को बढ़ाने और अधोसंरचना को सशक्त करने दीर्घकालीन ऋण के लिए करें प्रोत्साहित
आरएसईटीआई के माध्यम से युवाओं को स्वरोजगार का प्रशिक्षण दें
कलेक्टर ने कृषि अधोसंरचना निधि (एआईएफ) के तहत आवेदन करने के निर्देश भी दिए। इस योजना में प्राथमिक कृषि साख समितियाँ (पीएसीएस), एफपीओ, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), एपीएमसी एवं कृषि उद्यमी शामिल हैं। ऐसे लाभार्थियों को दीर्घकालीन ऋण के लिए प्रोत्साहित किया जाए ताकि कृषि क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा मिले और अधोसंरचना को सशक्त किया जा सके।
इसके अतिरिक्त कलेक्टर ने आरएसईटीआई को सेवा क्षेत्र से जुड़े प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के निर्देश दिए ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगारपरक कौशल प्राप्त हो और वे व्यावहारिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।