जिपं सीईओ ने लिंगानुपात बढ़ाने और बाल विवाह रोकने निरंतर जागरूकता कार्यक्रम करने के निर्देश दिए
कलेक्टर की अध्यक्षता में महिला बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक संपन्न
कलेक्टर पार्थ जैसवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में महिला बाल विकास के कार्यों की समीक्षा बैठक संपन्न हुई।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ तपस्या परिहार, सहायक कलेक्टर आशीष पाटिल, डीपीओ महिला बाल विकास विभाग दिनेश दीक्षित सहित सीडीपीओ एवं महिला सुपरवाइजर उपस्थित रहीं।
बैठक में कलेक्टर ने महिला बाल विकास विभाग के प्रमुख बिंदुओं जिनमें पोषण ट्रेकर पर स्थिति, एनआरसी, नवीन आंगनवाड़ी केंद्रों के निर्माण की प्रगति, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना(पीएमएमवीवाय), लाडली लक्ष्मी योजना (एलएलवाय), मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना आदि बिंदुओं पर समीक्षा की।
कलेक्टर जैसवाल ने पोषण ट्रेकर पर दर्ज फेस कैप्चरिंग, ई केवाईसी एवं आधार फेस मैचिंग बढ़ाने के निर्देश सभी सीडीपीओ को दिए और राजनगर में कम फेस कैप्चरिंग होने पर लिखित में स्पष्टीकरण के लिए भी निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि 7 दिनों में फेस कैप्चरिंग और ई केवाईसी कराएं।
पोषण आहार में लापरवाही में छतरपुर-1 एवं लवकुशनगर सीडीपीओ को शोकॉज
गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को समय से पोषण आहार वितरित ना होने पर छतरपुर-1 एवं लवकुशनगर सीडीपीओ को कलेक्टर ने शोकॉज जारी करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने सभी सीडीपीओ को निर्देश दिए कि महीने में 24 आंगनवाड़ी केंद्रों का भ्रमण कर बच्चों की उपस्थिति का निरीक्षण करे। विशेषरूप से गौरिहार, राजनगर आंगनवाड़ियों में बच्चों की उपस्थिति कम होने पर संबंधित सीडीपीओ को निर्देशित किया। कुपोषित बच्चे को एनआरसी में भर्ती कराएं
कलेक्टर ने गौरिहार एवं बक्सवाहा में पोषण पुनर्वास केंद्रों में कम बच्चे भर्ती रहे, जिसके लिए स्पष्ट निर्देश दिए कि मानक अनुसार 14 दिनों में ही भर्ती के पश्चात पोषित होने के बाद बच्चों को छोड़े। साथ ही कोई भी कुपोषित बच्चा जो एनआरसी में भर्ती के लायक है, वह ना छुटे।
नवीन प्रगतिरत आंगनवाड़ी भवनों का निरीक्षण कर और कार्य में प्रगति बढ़ाने के निर्देश
कलेक्टर ने नवीन निर्माणाधीन आंगनवाड़ी केंद्रों की समीक्षा करते हुए संबंधित क्षेत्रों के सीडीपीओ को निर्देशित किया कि प्रगतिरत भवनों का निरीक्षण करे और प्रगति बढ़ाएं एवं अप्रारंभ भवनों में कार्य शुरू कराएं। उन्होंने लाड़ली लक्ष्मी योजना में भी आवेदन बढ़ाने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में प्रथम डिलीवरी के पश्चात के शेष आवेदनों को फीड कराने के निर्देश दिए। साथ ही ई द्वितीय डिलीवरी में बच्ची के जन्म पर भी योजना के कोई आवेदन ना छूटने पाए।
कलेक्टर ने मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना पर बल देते हुए कहा कि 18 वर्ष तक के अनाथ बच्चों जिनके माता पिता नहीं है, के लिए यह बहुत अच्छी योजना है जिसमें उन्हें 4 हजार रुपए आर्थिक सहायता 18 वर्ष होने तक दी जाती है।
जिसके लिए कलेक्टर ने उपस्थित सभी अधिकारयों को निर्देशित किया कि हर हफ्ते आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ के माध्यम से एक अभियान चलाएं, जिसमें कोई भी अनाथ बच्चा इस योजना से वंचित ना रहे।
साथ बाल देख रेख संस्थाओं में भी उन्हें पंजीकृत करें।
एफएमसीएच भारत द्वारा पोषण की कमी का पता लगाने के लिए सैम और मैम की पहचान के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा बच्चों का सही वजन लिया जा रहा या नहीं। की ट्रेनिंग दी जाती है। 236 आंगनवाड़ियों में सीडीपीओ एवं सुपरवाइजर द्वारा पायलेट प्रोग्राम के तौर पर सैम और मैम की पहचान कर सही पैमाने पर डेटा एकत्र करने के निर्देश दिए गए हैं।
कुपोषण की सही पहचान में शीर्ष प्रदर्शन वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की हुई सराहना
कलेक्टर ने कुपोषण की सही पहचान करने में शीर्ष प्रदर्शन वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पद्म चंदेल नौगांव 2, पार्वती पाल लवकुशनगर, रामबाई प्रजापति गौरिहार, रमा गौर नौगांव 1, सुषमा त्रिपाठी छतरपुर ग्रामीण की सराहना कर बधाई दी।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की स्क्रुटनी प्रक्रिया एक हफ्ते में पूर्ण करने के निर्देश
जिला पंचायत सीईओ परिहार ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की स्क्रुटनी प्रक्रिया एक हफ्ते में पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दस्तावेजी प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी ना हो अन्यथा कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने जिले में लिंगानुपात कम होने पर जागरूकता कार्यक्रम जिसमें बेटी बचाओ पेटी पढ़ाओ, बेटा बेटी में भेद ना हो के कार्यक्रम कराने के निर्देश दिए और कहा कि विश्वरूप से लिंगानुपात में नीचे की पंचायतों में यह जागरूकता कार्यक्रम करें और यदि कहीं अवैध गर्भपात या भ्रूण टेस्ट की शिकायत आती है तो कार्यवाही के लिए सूचना दे।
साथ ही सीईओ जिला पंचायत ने बाल विवाह रोकने के लिए भी निरंतर प्रयास करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम करने के निर्देश दिए और कहा कि सिर्फ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सूचना के अलावा सीडीपीओ भी इसमें सक्रिय रूप से बाल विवाह की घटनाओं के प्रति सक्रिय रहें।
साथ ही यह भी निर्देशित किया कि हर गर्भवती महिला की प्रथम एएनसी जांच हो, साथ ही सैम और मैम को चिन्हित करने के लिए मास्टर ट्रेनरों द्वारा माताओं को जरूरी सलाह दी जाए की क्या खाना है और कैसे स्तनपान कराना है, इसकी ट्रेनिंग के लिए एफएमसीएच का सहयोग ले।