मंडला जिला :- धान की खेती में मशीनीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। कृषि अभियांत्रिकी विभाग मंडला द्वारा किसानों को वॉक-बिहाइंड 4-कतारी पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन अनुदान पर उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे धान की रोपाई में लगने वाले समय और लागत में भारी कमी आएगी। साथ ही उत्पादकता में भी वृद्धि होगी।
सोमवार को नैनपुर विकासखंड के समनापुर गांव में किसान ऋषि ठाकुर के खेत में इस अत्याधुनिक मशीन का सफल प्रदर्शन किया गया। कृषि अभियांत्रिकी विभाग से सहायक कृषि यंत्री प्रियंका मेश्राम और उपयंत्री भावना मरावी सहित किसान बंधु उपस्थित रहे।
पैडी ट्रांसप्लांटर: किसानों के लिए वरदान
सहायक कृषि यंत्री प्रियंका मेश्राम ने किसानों को पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन के कई फायदों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि पारंपरिक तरीकों से धान की रोपाई में मजदूरों की कमी एक बड़ी चुनौती है, जिससे समय पर काम पूरा नहीं हो पाता और लागत भी काफी बढ़ जाती है। इस समस्या का समाधान यह पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन है, जो किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं।
कैसे काम करती है यह मशीन ?
पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन के उपयोग के लिए धान की रोपाई से लगभग 16 दिन पहले मैट-टाइप नर्सरी तैयार की जाती है, जिसका आकार 1 फुट गुणा 2 फुट होता है। जब धान का रोपा 15 दिन से अधिक का हो जाता है, तो इन नर्सरियों को निकालकर मशीन में व्यवस्थित किया जाता है, जिसके बाद मशीन तैयार खेतों में रोपाई का कार्य करती है।
लागत में कमी और उत्पादन में वृद्धि
इस मशीन के उपयोग से धान की रोपाई की लागत में 70-80 प्रतिशत तक कमी आती है। यह समय की भी भारी बचत करती है मात्र एक घंटे में एक लीटर पेट्रोल की खपत होती है और दो घंटे में एक एकड़ में धान की रोपाई हो जाती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे धान का उत्पादन 15-20 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। लगभग 2.87 लाख रुपये की कीमत वाली यह मशीन कृषि अभियांत्रिकी विभाग द्वारा किसानों को अनुदान पर उपलब्ध कराई जा रही है। प्रदर्शन के दौरान किसानों ने इस मशीन की कार्यप्रणाली को खूब सराहा और कई किसानों ने इसे खरीदने की इच्छा भी जताई। यह पहल मंडला के किसानों के लिए धान की खेती को अधिक लाभदायक और कुशल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे उनकी आय और समग्र कृषि उत्पादकता में वृद्धि होगी