15°C New York
December 1, 2025
जेंडर-प्रतिक्रियाशील आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर जिला स्तरीय परामर्श कार्यक्रम संपन्न जिला प्रशासन के अधिकारी हुए शामिल
ताज़ा खबर

जेंडर-प्रतिक्रियाशील आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर जिला स्तरीय परामर्श कार्यक्रम संपन्न जिला प्रशासन के अधिकारी हुए शामिल

Jun 27, 2025

छतरपुर में गुरुवार को डिजास्टर मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (डीएमआई), गृह विभाग, मध्य प्रदेश शासन द्वारा यूएन वूमन इंडिया के सहयोग से जेंडर-प्रतिक्रियाशील आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर एक दिवसीय जिला स्तरीय परामर्श कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन छतरपुर संयुक्त कलेक्टर बलवीर रमन सिंह द्वारा किया गया। इस दौरान संयुक्त निदेशक, डिजास्टर मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट डॉ. जॉर्ज वी. जोसेफ और राज्य प्रमुख यूएन वूमन म.प्र. जॉयत्री रे ने कार्यक्रम के उद्देश्यों और महत्व पर प्रकाश डाला। परामर्ष कार्यक्रम में मौजूद जिला प्रशासन छतरपुर के संबंधित अधिकारियों ने वक्तव्यों को ध्यानपूर्वक सुना।

तकनीकी सत्रों में दिए गए प्रमुख वक्तव्य

डॉ. जॉर्ज वी. जोसेफ (डीएमआई) ने मध्य प्रदेश में आपदा प्रवृत्तियाँ एवं संस्थागत तैयारियों के विषय पर प्रस्तुति दी। उन्होंने राज्य व पन्ना जिले की आपदा प्रोफाइल साझा की। ज्योत्री रे राज्य प्रमुख (यूएन वूमन) ने राज्य में महिला और आपदा प्रबंधन के बारे में विस्तृत जानकारी दी एवं उपायों के बारे में बताया। सोमाभा मोहंती (यूएन वूमन) ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण में लैंगिक आयाम पर सत्र लिया। उन्होंने बताया कि महिलाएँ किस प्रकार आपदाओं में अधिक संवेदनशील होती हैं, परंतु उनकी भागीदारी समाधान का हिस्सा भी है। नरेंद्र सिंह (यूनिसेफ) ने बच्चे, किशोर और आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर चर्चा की, जिसमें बच्चों की सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और संवेदनशीलता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया।

अंशुल सक्सेना (यूएन वूमन) ने पन्ना जिले के ग्राम भ्रमण से प्राप्त अनुभव साझा किए, जिसमें लू, सूखा और बाढ़ के दौरान महिलाओं द्वारा सामना की गई जमीनी चुनौतियाँ सामने आई। अभिषेक मिश्रा (डीएमआई) ने आकाशीय बिजली और जेंडर विषय पर एक विशेष सत्र में जानकारी साझा की, जिसमें बताया गया कि यह जोखिम महिलाओं के लिए किस प्रकार भिन्न हो सकता है।

इस एक दिवसीय परामर्श में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। जिनमें जिले के सभी प्रमुख विभागों के प्रतिनिधि, सिविल सोसाइटी संगठनों (सीएसओस) के प्रतिनिधि, महिला समूहों के सदस्य एवं तकनीकी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल रहे।

इस परामर्ष कार्यक्रम के बारे में बताया गया कि यह परामर्श न केवल स्थानीय स्तर पर आपदा प्रबंधन में जेंडर समावेशन को सुदृढ़ करेगा, बल्कि मध्य प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर एक मॉडल राज्य के रूप में प्रस्तुत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *