प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे वक़्त में साइप्रस की यात्रा कर रहे हैं जब भारत और तुर्की के संबंधों के बीच खटास आई है.
वहीं तुर्की और साइप्रस के बीच विवाद जगज़ाहिर है. पीएम मोदी की साइप्रस यात्रा को पाकिस्तान और तुर्की के बीच मज़बूत संबंधों से जोड़कर भी देखा जा रहा है.
बीते महीने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान तुर्की ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया था.
संघर्ष के दौरान भारत ने दावा किया था कि आठ मई को पाकिस्तान ने बड़ी संख्या में ड्रोन से हमला किया था, जो तुर्की निर्मित सोनगार ड्रोन्स थे. हालांकि, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने हमले की बात से इनकार किया था.
लेकिन इसी बीच तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने सोशल मीडिया पर लिखा था, “पाकिस्तान, तुर्की दोस्ती ज़िंदाबाद!”
हालांकि यह पहला मौक़ा नहीं था जब तुर्की भारत-पाकिस्तान के किसी मसले पर पाकिस्तान के साथ खड़ा हुआ हो.
संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर तुर्की ने कई मौक़ों पर पाकिस्तान का समर्थन किया है. कश्मीर मुद्दे पर भी तुर्की कई सालों से पाकिस्तान का साथ देता रहा है.
मई के अंत में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने तुर्की का दौरा कि
पीएम मोदी के विदेशी दौरों के संबंध में विदेश मंत्रालय ने 14 जून को एक बयान जारी किया.
विदेश मंत्रालय ने कहा, “साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलाइड्स के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15-16 जून को साइप्रस की आधिकारिक यात्रा करेंगे. ये दो दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की साइप्रस की पहली यात्रा होगी.”
इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साइप्रस में बिज़नेस इंडस्ट्री से जुड़े हुए लोगों से भी मुलाक़ात करेंगे.
विदेश मंत्रालय ने कहा, “निकोसिया में पीएम मोदी राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलाइड्स से बातचीत करेंगे. ये यात्रा द्विपक्षीय संबंधों और यूरोपीय संघ के साथ भारत के जुड़ाव को मज़बूत करने के लिए दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगी.”
इसके बाद पीएम मोदी 16 और 17 जून को कनाडा में जी-7 देशों के शिखर सम्मेलन का हिस्सा बनेंगे.
अपनी विदेशी यात्रा के आख़िरी चरण में पीएम मोदी क्रोएशिया जाएंगे. पीएम मोदी 18 जून को क्रोएशिया का दौरा करेंगे. यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली क्रोएशिया यात्रा होगीया था.