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जनगणना में आपके लिए इस बार नया क्या है

केंद्र सरकार ने जाति गणना के साथ-साथ जनगणना को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है

साल 2027 में जातियों की गणना के साथ-साथ जनगणना को दो चरणों में कराने का फ़ैसला लिया गया है

देश के ज़्यादातर हिस्सों में जनगणना के लिए 1 मार्च 2027 की रात 12 बजे को आधार तारीख़ माना जाएगा

वहीं ठंडे और बर्फबारी वाले इलाकों जैसे लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में जनगणना की तारीख 1 अक्तूबर 2026 तय की गई है

बता दें कि देश में ये जनगणना 16 साल बाद होने जा रही है. इससे पहले 2011 में दो चरणों में जनगणना की गई थी

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देश और यहां रहने वाले लोगों के विकास के लिए, ये जानना ज़रूरी होता है कि देश में रहने वाले लोग कौन हैं. वो किस स्थिति में हैं, कितने पढ़े-लिखे हैं, कौन क्या करता है, कितने लोगों के पास रहने को घर हैं, कितनों के पास नहीं हैं. उनकी सामाजिक स्थिति क्या है. जनगणना इन्हीं सब आंकड़ों को जुटाने की प्रक्रिया है

किसी देश या क्षेत्र विशेष की आबादी के बारे में जनसांख्यिकीय, आर्थिक और सामाजिक डेटा इकट्ठा करने, उसके संकलन, विश्लेषण और सार्वजनिक करने को ही जनगणना कहा जाता है

इसके तहत आबादी की आयु, लिंग भाषा धर्म शिक्षा व्यवसाय और निवास आदि को लेकर विस्तृत जानकारी जुटाई जाती है. इनका इस्तेमाल नीति बनाने और कल्याणकारी योजनाओं आदि के लिए किया जाता है

भारत में 1872 से जनगणना हो रही है और आज़ाद भारत में अभी तक ये प्रक्रिया जारी रही

भारत की जनगणना, जनगणना अधिनियम, 1948 के प्रावधानों के तहत की जाती है

केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाला ऑफ़िस ऑफ़ रजिस्ट्रार जनरल एंड सेंसस कमिश्नर जनगणना करवाता है

भारत में हर 10 साल के अंतराल पर जनगणना कराई जाती है. पिछली जनगणना 2011 में दो चरणों में की गई थी

अगली जनगणना 2021 में होनी थी लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इसे टाल दिया गया था और अब ये क़रीब छह साल की देरी से कराई जाएगी

इस साल एक फ़रवरी को पेश किए गए बजट में जनगणना के लिए 574.80 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. जबकि साल 2021-22 के बजट में इसके लिए 3 हज़ार 768 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अब बजट में कटौती के बारे में जानकारी दी है

केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने जानकारी दी है, “जनगणना का आयोजन 2021 में किया जाना था और जनगणना की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं. लेकिन, देशभर में कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण जनगणना का काम स्थगित करना पड़ा. कोविड-19 का असर काफ़ी समय तक जारी रहा

“जिन देशों ने कोविड-19 के तुरंत बाद जनगणना कराई, उन्हें जनगणना के आंकड़ों की गुणवत्ता और कवरेज से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ा. सरकार ने जनगणना की प्रक्रिया तत्काल शुरू करने का निर्णय लिया है, जो जनगणना की संदर्भ तिथि अर्थात 01 मार्च, 2027 को पूरी होगी

एक्स पर दी जानकारी में कहा गया है, “जनगणना के लिए बजट कभी बाधा नहीं रहा है क्योंकि धनराशि आवंटन हमेशा सरकार द्वारा सुनिश्चित किया जाता रहा है

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