कलेक्टर श्री शीलेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में आज कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति की महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की गई और आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए गए। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एन.के. शास्त्री, सिविल सर्जन डॉ नरेश गोन्नाडे, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.एल.एन. साहू, जिला क्षय अधिकारी डॉ.अर्चना कैथवास, एस.एन.सी.यू. नोडल अधिकारी डॉ.अशु लंबा, जिला स्वास्थ्य मीडिया अधिकारी डॉ.प्रमोद वासनिक एवं सभी कार्यक्रमों के नोडल अधिकारी तथा विकासखंडों के खण्ड चिकित्सा अधिकारी, बीपीएम, बीसीएम एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री ब्रजेश कुमार शिवहरे तथा समस्त विकासखंडों के सीडीपीओ उपस्थित थे।
बिछुआ और छिन्दवाड़ा में हुई मातृ मृत्यु पर जताई कड़ी नाराजगी- बैठक में कलेक्टर श्री सिंह ने हाल ही में बिछुआ एवं छिन्दवाड़ा ब्लॉक में हुई मातृ मृत्यु की घटनाओं पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने इन घटनाओं को अत्यंत गंभीर लापरवाही बताया और बिछुआ ब्लॉक के संबंधित मेडिकल ऑफिसर, सीडीपीओ, सुपरवाइजर और एएनएम का वेतन रोकने तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पर जुर्माना लगाने के निर्देश दिए। इसी प्रकार छिंदवाड़ा में भी जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
कलेक्टर श्री सिंह ने स्पष्ट किया कि किसी भी स्थिति में मातृ मृत्यु स्वीकार नहीं की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उन्हें विशेष निगरानी में रखा जाए। इसके लिए एसडीएम को भी निर्देशित किया गया है कि वे ऐसे मामलों में सप्ताह में कम से कम एक बार चर्चा करें और महिलाओं की स्थिति की जानकारी लें।
एएनसी रजिस्ट्रेशन में लापरवाही पर वेतन रोकने के निर्देश- कलेक्टर श्री सिंह ने चौरई और परासिया विकासखंड में प्रथम तिमाही में एएनसी रजिस्ट्रेशन की दर कम पाए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने संबंधित ब्लॉक के बीपीएम, बीएमओ और सीडीपीओ का वेतन रोकने के निर्देश दिए जब तक कि लक्ष्य के अनुरूप सभी रजिस्ट्रेशन पूरे नहीं कर लिए जाएं। साथ ही डीपीएम की मॉनिटरिंग कमजोर होने के कारण उनका वेतन भी रोकने के निर्देश दिए गए।
संस्थागत प्रसव की स्थिति पर जताई चिंता- बैठक में पिंडराइकलां ब्लॉक में संस्थागत प्रसव की दर कम होने पर बीएमओ का वेतन रोका गया। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि जब तक महिला में गंभीर खतरे की स्थिति न हो, उन्हें जिला अस्पताल में न रेफर किया जाए। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में पहले से अत्यधिक प्रसव मामले होते हैं, जिससे हाई रिस्क मामलों की डिलीवरी प्रभावित होती है। अतः अधिकतर डिलीवरी प्राथमिक स्तर पर ही सुनिश्चित की जाए। लेकिन हाई रिस्क केसेज में रेफरल समय पर करें।
हेल्दी लिवर अभियान की धीमी प्रगति पर जताई नाराजगी, गति लाने के निर्देश – बैठक में राज्य स्तर पर चल रहे ‘हेल्दी लिवर अभियान’ की प्रगति पर भी चर्चा की गई। कलेक्टर श्री सिंह ने छिन्दवाड़ा, बिछुआ एवं तामिया में अभियान की धीमी रफ्तार पर नाराजगी जताई। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी ब्लॉकों में अभियान की गति बढ़ाई जाए और जिन अधिकारियों की उदासीनता के कारण प्रगति धीमी है, उनकी व्यक्तिगत जवाबदेही तय की जाए।
महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की भी समीक्षा, पोषण पर विशेष ध्यान देने के निर्देश – बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की भी समीक्षा की गई। कलेक्टर श्री सिंह ने पोषण ट्रैकर का डेटा नियमित रूप से अपडेट किए जाने के निर्देश दिए । उन्होंने सभी सीडीपीओ और सुपरवाइजर को निर्देश दिए हैं कि पोषण अभियान के अंतर्गत चिन्हित गंभीर रूप से कुपोषित और मध्यम रूप से कुपोषित बच्चों की नियमित मॉनिटरिंग की जाए और आंगनबाड़ी केंद्रों की गतिविधियों को सतत रूप से चलाया जाए।