नई दिल्ली. कांग्रेस के 84वें राष्ट्रीय महाधिवेशन में रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पी चिदंबरम सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने संबोधित किया. मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि इसने देश की अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है. नोटबंदी और सही ढंग से जीएसटी को लागू नहीं किए जाने के कारण बहुत से लोगों की नौकरियां चली गईं औैर कारोबार को नुकसान पहुंचा. इन्होंने लंबे चौड़े चुनाव वादे किए थे. दो करोड़ नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन दो लाख को भी नौकरी नहीं दी.
मनमोहन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने छह साल में किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही. इसके लिए देश की विकास दर कम से कम 12 फीसदी होनी चाहिए जो कि अकल्पनीय है. ऐसे में उनकी यह घोषणा भी ‘जुमला टाइप’ वादा है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और वहां स्थति खराब होती जा रही है. मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को सही ढंग से नहीं संभाल पाई है.
इससे पहले अधिवेशन में मोदी सरकार की विदेश नीति पर जमकर हमला बोला गया और प्रस्ताव पारित कर विदेश नीति को फेल बताया गया. कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया गया कि वह विदेश नीति को लेकर लापरवाह रवैया अपना रही है. इस वजह से भारत के अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंचा है और राष्ट्रीय हितों की उपेक्षा हुई है. प्रधानमंत्री ने एक व्यक्ति विशेष केंद्रित विदेश नीति की शुरुआत की है और वर्तमान में सरकार की विदेश नीति प्रधानमंत्री के विदेश दौरे और सिर्फ लेनदेन तक सीमित रह गई है.
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया है कि विदेश नीति के मामले में सरकार ने राष्ट्रीय सहमति नहीं बनाई है और यह सरकार खुद के बनाए हुए प्रोपेगंडा से ही संचालित है. उसमें भारत के प्रमुख सहयोगी देशों के साथ भारत के संबंधों को अस्त-व्यस्त कर दिया है. इस सरकार की विदेश नीति उलझन से भरी हुई है जो दिशाहीन और लक्ष्यहीन है. मोदी सरकार अपने पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते ठीक नहीं रख पाई. स्वतंत्र भारत के इतिहास में अपने निकटतम पड़ोसियों के साथ भारत के साथ इतनी कमजोर स्थिति कभी नहीं रही.
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह पाकिस्तान के प्रति अपनाई गई नीति को एक विभाजनकारी घरेलू मुद्दा बना दी है. पाकिस्तान के प्रति अति प्रभावकारी और आक्रमक नीतियों का सरकार का वादा और दावा झूठा है. उसके कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिले हैं और यह एक गंभीर चिंता का विषय है कि भारत पाक तनाव पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के ध्यान देने से इस तनाव के फिर से बढ़ जाने का खतरा बढ़ गया है.
यूपीए सरकार के समय से सीमा विवाद को सुलझाया गया और उसने भारत और बांग्लादेश के बीच एक बेहतर समाज को बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया. इससे दोनों देशों के बीच भरोसा बढ़ा है लेकिन दुर्भाग्यवश मोदी सरकार ने इसे तोड़ दिया, जो हमारे हितों के लिए नुकसानदेह है.
अधिवेशन में सीरिया और फिलिस्तीन का मुद्दा भी उठा. सीरिया में हो रही लगातार हिंसा और बच्चों समेत निर्दोष लोगों के मारे जाने के प्रति कांग्रेस पार्टी ने चिंता जताई. कांग्रेस ने फिलिस्तीन जनता के प्रति भी अपने आबाद समर्थन को दोहराया और कहा कि सुरक्षित सीमाओं के साथ संप्रभु फिलिस्तीन राष्ट्र और पूर्वी यरुशलम को राजधानी बनाने के उनके अधिकारों का समर्थन कांग्रेस पार्टी करती है.
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