भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में महबूबा सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला लिया है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के साथ हुई कोर ग्रुप की बैठक के बाद ये निर्णय लिया गया है।…… इसके बाद महबूबा मुफ्ती ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और शाम चार बजे पीडीपी की बैठक बुलाई है। इससे पहले बीजेपी बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में पार्टी महासचिव राम माधव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के ताजा हालात पर चर्चा हुई उसके बाद पार्टी ने यह फैसला लिया। बैठक से पहले अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ बैठक की।
राम माधव ने कहा कि ताजा हालात के बाद गठबंधन में काम करना पार्टी के लिए मुश्किल हो गया था। हालांकि भाजपा हमेशा से ही शांति और घाटी में अमन के लिए प्रयासरत रही लेकिन विभिन्न कारणों से जम्मू-कश्मीर की सरकार नहीं कर पाई। जिस तरीके से घाटी में अचानक घटनाएं बढ़ी है उससे राज्य की हालत और बिगड़ते गए। राम माधव ने कहा कि जम्मू में शांति के लिए पार्टी ने गठबंधन किया था। मोदी सरकार ने हर संभव राज्य सरकार के लिए मदद की लेकिन फिर भी हालात नहीं सुधर रहे थे।
राम माधव ने कहा कि पिछली बार जो जनादेश आया था, तब ऐसी परिस्थितियां थी जिसके कारण ये गठबंधन हुआ था। लेकिन जो परिस्थितियां बनती जा रही थीं उससे गठबंधन में आगे चलना मुश्किल हो गया था। राममाधव ने कहा कि जिन मुद्दों को लेकर सरकार बनी थी, उन सभी बातों पर चर्चा हुई। पिछले कुछ दिनों से कश्मीर में स्थिति काफी बिगड़ी है, जिसके कारण हमें ये फैसला लेना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रधानमंत्री, अमित शाह, राज्य नेतृत्व सभी से बात की है। इस गठबंधन सरकार को तोड़ने के पीछे उन्होंने पूरी तरह से पीडीपी को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि महबूबा हालात संभाल नहीं पाईं।
बता दें कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा की कुल 87 सीटों हैं जिनमें बहुमत का आंकड़ा 44 सीट है। पिछले चुनाव में पीडीपी ने 28 सीटों पर अपनी जीत दर्ज की थी, वहीं बीजेपी के पास 25 सीटें हैं। और दोनों ही दलों ने मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी। वहीं विपक्ष की बात करें तो नेशनल कॉन्फ्रेंस ने पिछले चुनाव में 15 सीटें जीती थीं, कांग्रेस को 12 और अन्य के खाते में 9 सीटें हैं।