छिन्दवाड़ा जिले की सिगोड़ी पुलिस चौकी के अंतर्गत एक 21 वर्षीय युवती ने सिगोड़ी निवासी अमन पिता नर्मदा साहू पर शारीरिक शोषण् का आरोप लगाया पीडि़त युवती ने पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत मे बताया कि अमन साहू कि उससे जान पहचान हुई और इसी जान पहचान का फायदा उठाकर युवती को शादी के झांसा देकर पिछले तीन चार सालों से युवती के मर्जी के बगेर शारारिक शोषण करता चला आ रहा था।
जब युवती ने अमन साहू को शादी करने के लिए कहा तो अमन साहू ने शादी करने से इसलिए इंकार कर दिया क्योंकि युवती दलित वर्ग से कि है पीडि़ता ने बताया कि अमन साहू धमकी देने लगा कि तेरे साथ मैंने जो शारीरिक सम्बन्ध बनाये थे उसका वीडिया है मेरे पास मैं उस वीडियो को वायरल कर दूगां जिससे तेरी बदनामी हो जायेगी तू की नही रहेगी और जान से मारने की धमकी देने लगा और जिससे पीडि़ता सहम गई इतना ही नहीं अमन साहू द्वारा पीडि़ता का मोबाइल भी झीन लिया गया हद तो जब हो गई जब अमरवाड़ा पुलिस थाना प्रभारी ने पीडि़ता के साथ बतसलूकी करते हुये कहा कि देहीक शोषण के सबूत लेकर आओ पीडि़ता ने पुलिस पर आरोप लगाया कि दलित होने कि वजह से मरी बात नही सुनी जा रही है बहरहाल ही जब कानुन के रखवाले ही ऐसी अशोभनिय भाषा को प्रयोग करे तो यह बात शोभा नही देती क्या पुलिस पीडि़ता को न्याय दिला पायेगीᣛ?