केंद्र सरकार ने किसानों के लिए बड़ा फैसला लेते हुए खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने को मंजूरी दे दी है।
हालांकि, फिलहाल यह साफ नहीं है कि इसमें किस फसल पर कितनी बढ़ोत्तरी हुई है। लेकिन यह जानकारी मिल रही है कि धान की फसल का एमएसपी 200 रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़ा दिया है।
केंद्र सरकार ने यह फैसला बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिया है जिसमें 14 फसलों पर समर्थन मूल्य बढ़ाने को मंजूरी दी गई है। सरकार के इस फैसले का सीधा फायदा देश के 12 करोड़ किसानों को मिलेगा।
इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग, कृषि और वित्त मंत्रालय के आला अफसरों और मंत्रियों के साथ हाल ही में गहन विचार-विमर्श किया था।
फसल पुरानी कीमत नई कीमत
धान– 1550 1750
मूंग– 5575 6975
उड़द– 5400 5600
अरहर– 5450 5675
बता दें कि सरकार ने आम बजट में ही फसलों के एमएसपी बढ़ाकर डेढ़ गुना करने का ऐलान किया था। कृषि लागत व मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर तैयार कैबिनेट नोट पिछले एक महीने से अधिक समय से विचाराधीन है। प्रधानमंत्री ने पिछले सप्ताह ही गन्ना किसानों से मुलाकात में इस हफ्ते की कैबिनेट में एमएसपी की घोषणा करने की बात कही थी। सूत्रों के मुताबिक एमएसपी का निर्धारण ए-2+एफएल के फॉर्मूले पर किया गया है। फसल की लागत का आकलन के बाद उसमें 50 फीसद लाभ मार्जिन जोड़ा जाएगा।
समर्थन मूल्य में होने वाली वृद्धि के बाद के प्रभावों का आकलन करने के लिए यह बैठक बुलाई गई थी। नीति आयोग ने दो अलग-अलग प्रस्तुतियां रखीं, जिनमें समर्थन मूल्य में वृद्धि से महंगाई बढ़ने की आशंका भी जताई गई। नीति आयोग की तरफ से बताया गया है कि अगर सरकार ने मुस्तैदी दिखाए तो एमएसपी को बढ़ाए जाने के बावजूद उसका खुदरा महंगाई पर खास असर नहीं होगा। जबकि वित्त मंत्रालय ने इससे खजाने पर आने वाले खर्च के बारे में जानकारी ली गई और इसके प्रभावों पर विचार किया गया।
सूत्रों के मुताबिक समर्थन मूल्य की घोषणा के साथ सरकार उपज की खरीद की गारंटी भी दे सकती है। फिलहाल समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है जो सीमित राज्यों में ही लागू होता है। सभी किसानों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पाता है। लेकिन सरकार उपज की खरीद की पूरी गारंटी देने का प्रावधान कर सकती है। इसकी तैयारियों के लिए कई मर्तबा उच्च स्तरीय बैठकें हो चुकी हैं। इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में नौ वरिष्ठ मंत्रियों का समूह गठित किया गया था। उसकी सिफारिश पर भी प्रधानमंत्री के यहां चर्चा हुई।