छिंदवाड़ा. सड़क दुर्घटना रोकने के लिए पुलिस के तमाम प्रयास पूरी तरह कारगर साबित हो सकते हैं। ऐसा सम्भव तब है जब की वाहन चालक ट्रैफिक के सभी नियमों का पालन करें। आज सबसे बड़ी चुनौती एक्सीडेंट को कम कर उनमें होने वाली मौतों को रोकना है। सड़कों के आधार पर सबसे अधिक दुर्घटना नेशनल हाईवे (एन.एच) पर होती है।
हर साल जिले में रोड एक्सीडेंट से 3 सौ से अधिक मौतें होती है। वर्ष 2021 में 383 लोगों की जान गई थी। दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए हर साल हजारों जतन किए जाते हैं। जुर्माने से लेकर अन्य दण्डात्मक कार्रवाइयां की जाती है, ताकि वाहन चालकों में सुधार आए। नियमों का पालन करें तो सफर सुरक्षित होगा, किन्तु वाहन चालक इसे गम्भीरतापूर्वक नहीं लेते हैं। सबसे अधिक दुर्घटना नेशनल हाईवे पर होती है। बीते वर्ष हुई कुल 1 हजार 134 दुर्घटनाएं रिकॉर्ड की गई है। 569 अकेले नेशनल हाइवे पर हुई है। दूसरा नम्बर स्टेट हाईवे (एस.एच) का आता है। इन पर 183 दर्ज है। नेशनल और स्टेट हाइवे को छोड़कर अन्य सम्पूर्ण सड़कों पर कुल 382 दुर्घटनाएं घटित हुई है। इससे साफ हो रहा है कि सफर के दौरान नेशनल हाईवे पर सबसे अधिक दुर्घटनाएं घटित होती है। घायलों एवं मृतकों की संख्या भी अन्य सड़कों की तुलना में बहुत अधिक होती है।

एक्सपर्ट की राय
वाहनों की रफ्तार बहुत अधिक होती है साथ ही छोटी सड़कें नेशनल हाईवे से मिलती है वहां के जोड़ पर सुरक्षा के इंतजाम नहीं है। जिले में टू लेन पेव्ड सोलडर (दो लेन) मार्ग है जिसमें मेडियन नहीं होने से दोनों तरफ का ट्रैफिक एक ही सतह पर चलता है। चालक अपने हिसाब से लेन तय कर लेते हैं। इसके कारण हाईवे पर सबसे अधिक दुर्घटनाएं होती है।